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बिहार में नई कोचिंग नीति 2026: नए साल से लागू होगी | पूरी जानकारी — बिहार सरकार की बड़ी घोषणा

JP ONLINE INFO

jp online info। बिहार में शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी पूरी हो चुकी है। राज्य सरकार अब नई कोचिंग नीति लागू करने जा रही है, जिसका उद्देश्य पूरे राज्य में कोचिंग संस्थानों को एक व्यवस्थित ढांचे में लाना है। लंबे समय से बिहार में कोचिंग संस्थानों की बढ़ती संख्या, नियमों का अभाव, सुरक्षा समस्याएँ और शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर लगातार बहस चल रही थी। इसी को देखते हुए सरकार ने नई नीति तैयार की है।

सरकार की योजना के अनुसार नए साल से नई कोचिंग नीति लागू कर दी जाएगी। शिक्षा विभाग इस दिशा में तैयारी तेज कर चुका है और इसका लक्ष्य है कि इस माह ही संशोधित नीति को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया जाए। माना जा रहा है कि यदि कैबिनेट की मंजूरी मिल जाती है, तो अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27, जिसकी शुरुआत अप्रैल 2026 से होगी, में नई नीति को पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।


  • पुरानी व्यवस्था और नई कोचिंग नीति की आवश्यकता क्यों पड़ी?


बिहार में कोचिंग संस्कृति बहुत व्यापक रही है। इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रतियोगी परीक्षाओं, यहां तक कि स्कूल स्तर पर भी बच्चों के लिए कोचिंग संस्थान बड़ी संख्या में खुले हैं। कई संस्थान बिना किसी अनुमति, सुरक्षा मानक या उचित शैक्षणिक ढांचे के चल रहे हैं।

2011 में बिहार कोचिंग संस्था (नियमन और विनियमन) अधिनियम लागू किया गया था। इसके बाद 2022 में भी नई नीति का ‘प्रारूप’ जनता से सुझाव लेने के लिए जारी किया गया था। फिर 2023 में सरकार ने कोचिंग नियमनावली 2023 तैयार की, लेकिन यह लागू नहीं हो सकी।

कई बिंदुओं पर विवाद हुआ, विशेषकर —

  • कोचिंग के समय
  • सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग चलाने के प्रावधान
  • सुरक्षा मानक
  • पंजीकरण प्रक्रिया
  • स्कूल घंटों के दौरान कोचिंग संचालन
  • भवन सुरक्षा और अग्निशमन नियम

इन्हीं विवादों के कारण नियमनावली 2023 को लागू नहीं किया जा सका और इसमें फिर से संशोधन आवश्यक हो गया।


  • कैबिनेट में भेजने से पहले अंतिम तैयारी

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले यह नीति कैबिनेट में गई थी, लेकिन कुछ बिंदुओं पर पुनर्विचार के लिए वापस लौटाई गई। अब शिक्षा विभाग ने उन सभी बिंदुओं पर विस्तार से संशोधन कर लिया है।

शिक्षा विभाग का कहना है कि —
✔ नीति को राज्य स्तरीय सचिवों के साथ साझा किया जाएगा
✔ उनकी सहमति लेने के बाद इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा
✔ कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इसे अगले शैक्षणिक सत्र में लागू कर दिया जाएगा

नई नीति का उद्देश्य कोचिंग उद्योग को पारदर्शी, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण बनाना है।


राज्य में 2011 में कोचिंग नियमनावली लागू हुई थी — पुरानी नीति की सीमाएँ

बिहार कोचिंग नियमनावली 2023 लाई गई थी, लेकिन यह लागू नहीं हो सकी। नियमनावली के प्रारूप को लेकर विवाद होने पर इसमें संशोधन की आवश्यकता जताई गई थी। इसके बाद नई कोचिंग नीति पर संशोधन जारी है। इससे पहले बिहार कोचिंग संस्था (नियमन और विनियमन) 2011 लागू थी। इसके पहले 2022 में कोचिंग नियमनावली के प्रारूप पर लोगों से सुझाव भी मांगे गए थे।

2011 की नीति बहुत पुरानी हो चुकी थी। उस समय न तो डिजिटल शिक्षा का विस्तार हुआ था और न आज की तरह हजारों कोचिंग संस्थान चल रहे थे। इसलिए यह नीति वर्तमान समय के लिए अपर्याप्त साबित हो रही थी।

नई नीति इन सभी बेस को कवर करेगी—

✔ सुरक्षा

छात्रों के लिए अग्नि सुरक्षा, भवन सुरक्षा, CCTV आदि अनिवार्य होंगे।

✔ समय सीमा

स्कूल टाइम में कोचिंग नहीं चल सकेगी।

✔ फीस पारदर्शिता

कोचिंग संस्थान को फीस, बैच टाइम, कोर्स अवधि और शिक्षकों की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।

✔ पंजीकरण

हर कोचिंग संस्थान को सरकार के साथ अनिवार्य पंजीकरण करना होगा।

✔ सरकारी शिक्षक


समाचार के अनुसार:

वर्तमान में कोचिंग नियमनावली के अनुसार कोई भी सरकारी शिक्षक कोचिंग नहीं पढ़ा सकते। सरकारी शिक्षकों को कोचिंग पढ़ाने पर शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई करेगा।

 यह प्रावधान नई नीति में और कड़ा किया जाएगा। सरकारी शिक्षक किसी भी तरह से निजी कोचिंग में शामिल नहीं हो सकेंगे।

जिला स्तर पर डीएम की कमिटी बनेगी

नई नीति के तहत हर जिले में डीएम (जिलाधिकारी) की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई जाएगी, जो कोचिंग संस्थानों:

  • की पंजीकरण प्रक्रिया

  • सुरक्षा प्रमाणन

  • निरीक्षण

  • नियम उल्लंघन पर कार्रवाई

की देखरेख करेगी।

कमिटी को अधिकार होगा कि वह किसी भी कोचिंग संस्थान को नियमनावली के विरुद्ध पाए जाने पर बंद कर सके।

पुरानी और अनियमित कोचिंग संस्थानों पर कड़ा कदम

समाचार के अनुसार:

नियमनावली में यह प्रावधान नहीं था कि स्कूल संचालन के समय कोचिंग का संचालन नहीं होगा। अब इसे स्पष्ट कर दिया गया है। पुरानी पढ़ने-लिखने की जानकारी देनी होगी।

मतलब अब कोचिंग संस्थानों को:

  • अपने भवन

  • सुरक्षा मानक

  • शिक्षक योग्यता

  • पंजीकरण नंबर

  • बैच टाइम

  • छात्र संख्या

सब कुछ सार्वजनिक करना होगा।

नई नीति से क्या फायदा होगा?

नई नीति लागू होने के बाद बिहार में शिक्षा व्यवस्था में कई बड़े बदलाव आएंगे।

✔ छात्रों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा

यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी कोचिंग संस्थान असुरक्षित भवन या बिना अग्निशमन सुविधा के न चले।

✔ कोचिंग में अनुशासन बढ़ेगा

कोचिंग संस्थानों के समय का निर्धारण होने से बच्चों पर बोझ कम होगा।

✔ शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ेगी

सरकारी शिक्षक कोचिंग नहीं चला पाएंगे, जिससे वे अपने स्कूल के छात्रों पर पूरा ध्यान दे सकेंगे।

✔ कोचिंग उद्योग पारदर्शी होगा

फीस, बैचों और शिक्षकों की जानकारी उपलब्ध होने से अभिभावकों को सही संस्थान चुनने में मदद मिलेगी।

✔ अवैध कोचिंग बंद होंगी

बिना पंजीकरण, बिना सुरक्षा और बिना मानक वाली कोचिंग बंद कर दी जाएंगी।


कब से लागू होगी नई नीति?

समाचार के अनुसार:

✔ शिक्षा विभाग इस माह नीति को कैबिनेट भेज देगा
✔ कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही
अप्रैल 2026 से (शैक्षणिक सत्र 2026-27) नई नीति पूरे बिहार में लागू हो जाएगी

बिहार सरकार की नई कोचिंग नीति राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न सिर्फ कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करेगी बल्कि छात्रों की सुरक्षा, गुणवत्ता और पारदर्शिता को भी सुनिश्चित करेगी।

राज्य में लाखों छात्र कोचिंग पर निर्भर हैं, ऐसे में सरकार का यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। नए साल में यह नीति लागू होने से शिक्षा क्षेत्र में एक नई व्यवस्था की शुरुआत होगी।


FAQ 1: नई कोचिंग नीति बिहार में कब लागू होगी?

नई कोचिंग नीति को 2026-27 के शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा। इसकी शुरुआत अप्रैल 2026 से होगी।

FAQ 2: क्या नई नीति में सरकारी शिक्षक कोचिंग पढ़ा सकेंगे?

नहीं, नई कोचिंग नीति के अनुसार कोई भी सरकारी शिक्षक निजी कोचिंग नहीं पढ़ा सकेगा। उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

FAQ 3: क्या कोचिंग संस्थान स्कूल टाइम में चल पाएंगे?

नई नीति के अनुसार स्कूल संचालन के समय कोचिंग चलाना प्रतिबंधित होगा।

FAQ 4: क्या हर कोचिंग संस्थान को पंजीकरण करना होगा?

हाँ, नई नीति में सभी कोचिंग संस्थानों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा।

FAQ 5: जिला स्तर पर निगरानी कौन करेगा?

हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में एक कमिटी कोचिंग संस्थानों की निगरानी करेगी।